नरेंद्र त्रिपाठी ब्यूरो जालौन की रिपोर्ट:कालपी (जालौन)-कानपुर के बिल्लौर में पत्रकार नवीन गुप्ता जी गोली मारकर की गई हत्या के मामले में उपजा पत्रकार संगठन कालपी के बैनर तले पत्रकारों ने एसडीएम से मिलकर घटना की निंदा की महामहिम राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन उप जिलाधिकारी सतीश चंद्र को सौंपा और ज्ञापन देकर जल्द ही हत्यारों की गिरफ्तारी के अलावा पीड़ित परिजनों को मुआवजा दिलाए जाने की बात कही उपजा के तहसील अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार राजू पाठक ने कहा भारत में ईमानदारी और पारदर्शिता से खबरों को जनता तक पहुंचाने में पत्रकारों को विभिन्न कठिनाइयों से गुजरना पड़ता है, पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ माना जाता है,क्योंकि समाज में हो रही हर तरह की घटनाएं, समस्याएं व भ्रष्टाचार और सामाजिक बुराइयों से जनता को अवगत कराता है

तहसील उपाध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार शरद खन्ना ने कहैा: खबरों को उजागर करने में पत्रकार, समाज के असामाजिक तत्वों के निशाने पर बने रहते हैं।पत्रकारों पर बढ़ते अत्याचार और हमले भारत के हर राज्य हर जिले में देखें जा रहें हैं !
उपजा सदस्य शंकर गुप्ता ने निंदा करते हुये कहा कि भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सच्चाई को लिखने व प्रकाशित करने और सच्चाई को पूरे भारत में उजागर करने वाले पत्रकारों को जान से मार दिया जाता है
ऐसे ही बहुत से पत्रकारों को आवाज़ उठाने पर जान से मार देना और धमकी मिलने का सिलसिला जारी है, पत्रकारों को हर दिन खतरे और डर के साथ गुजारने पड़ रहें हैं। जान से मारने की धमकी मिल रही है जबकि पत्रकारों को हर तरह से अपनी जान जोखीम में डालकर कवरेज करना पड़ता है।
कहीं किसी पथराव में हादसे का शिकार होते यहां तक कि हर खबर को कवरेज करने और सच्चाई का पता लगाने में हर असुविधा के साथ लोगो तक सच्चाई को पहुंचाने में पत्रकार पीछे नही रहते।
उसके बावजूद भी निडर और ईमानदार पत्रकारो को जान से मार दिया जाता है !
वरिष्ठ पत्रकार ज्ञानेंद्र मिश्रा तहसील महामंत्री उपजा ने कहा
पत्रकारों का समाज को सच्ची खबर प्रकाशित करने के दौरान बढ़ती संख्या में पत्रकारो पर होते अत्याचार पर सरकार व प्रसाशन की तरफ से किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई या ठोस कदम न होने पर अपराधियों के बढ़ते हौसले चरम पर हैं ! ऐसे में पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर सरकार को गंभीरता से ठोस कदम उठाकर कोई बड़ा फैसला लेने की जरूरत है !
जिस तरह से समाज के कुछ लोगो के लिए कानून हैं जैसे दहेज़ प्रथा, हरिजन ऐक्ट जैसे कानून बने हैं उससे कहीं ज्यादा संसद भवन में पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर कानून बनाने की जरूरत है!
वरिष्ठ पत्रकार हरिश्चंद्र बापू नेकहा
जिससे कि भविष्य में पत्रकार निष्पक्षता व सत्यता और ईमानदारी से खबर को प्रकाशित करके समाज में सच्चाई को दिखा सके ।
अब सवाल ये उठता है कि क्या पत्रकार मौत के डर से अपनी निर्भीकता, ईमानदारी और सत्यता को छोड़कर अपराधियों का चोला पहन ले ?
वरिष्ठ पत्रकार अवधेश बाजपेई ने
कहा कि पत्रकारों पर बढ़ते अत्याचार पर सभी बड़े छोटे पत्रकार आपस के फर्क और अभिमान को खत्म करके एकता दिखाये !
अनिल बाजपेई पत्रकार
काश कि पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर कोई ठोस कदम उठाकर भारत के सभी राज्य की सरकारें पत्रकारों को हर सुविधा मुहय्या कराकर पत्रकार सुरक्षा कानून बनाती ?इस मौके पर अंकुर व्यास सीनियर रिपोर्टर सीएनएन हिंदी न्यूज़ शिवांशु शुक्ला मारूफ आदित्य निगम एवं तहसील के सभी पत्रकार मौजूद रहे